अभिसरण
एनआरएलएम यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य एजेंसियां (एसआरएलएम) प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों के साथ साझेदारी विकसित करें और गरीबी और अभाव के विभिन्न आयामों को संबोधित करने के लिए तालमेल बनाएं। ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- अधिकार – पीडीएस, एमजीएनआरईजीएस, सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा का अधिकार।
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार – स्वास्थ्य और पोषण, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, स्थायी आवास, बिजली आदि।
- क्षमताओं में वृद्धि – प्रारंभिक शिक्षा, व्यावसायिक, तकनीकी शिक्षा, कौशल वृद्धि आदि।
- आजीविका के अवसर पैदा करना – संस्थागत वित्त, कृषि, पशुपालन, वाटरशेड, एमएसएमई विकास, खाद्य प्रसंस्करण आदि।
- भौतिक अवसंरचना योजनाएँ – सड़क, बिजली, दूरसंचार आदि।
एनआरएलएम/एसआरएलएम पंचायती राज, मानव संसाधन विकास, कृषि, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कपड़ा, एमएसएमई (केवीके), महिला एवं बाल विकास, वित्तीय सेवाएं, पर्यटन आदि मंत्रालयों के कार्यक्रमों के साथ अभिसरण की दिशा में प्रयास करेगा।
- साझेदारी: एनआरएलएम एनजीओ और सीएसओ के साथ साझेदारी करेगा, (एनजीओ और सीएसओ के साथ साझेदारी के लिए राष्ट्रीय ढांचे के दायरे में) जो सीख, विशेषज्ञता, लागत और संसाधनों को साझा करेंगे और विभिन्न स्तरों पर कार्यान्वयन और संवेदनशील समर्थन भूमिकाएं और कार्य करेंगे, पायलट चलाएंगे, मॉडल प्रदर्शित करेंगे, प्रशिक्षण देंगे और क्षमता निर्माण करेंगे, संसाधन समूह और केंद्र होंगे, संपर्क प्रदान करेंगे, ज्ञान उत्पन्न करेंगे, प्रबंधित करेंगे और प्रसारित करेंगे, वकालत करेंगे आदि। अन्य हितधारकों में निजी क्षेत्र, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व इकाइयां, परोपकारी फाउंडेशन/ट्रस्ट, प्रशिक्षण संस्थान/केंद्र शामिल अनुसंधान/निदान उपकरणों तथा नीति और रणनीतिक योजना के लिए अनुसंधान संस्थानों/उत्कृष्टता केंद्रों के साथ साझेदारी करके क्षेत्र/कार्यवाही अनुसंधान, सामाजिक वेधशालाओं के माध्यम से रुझानों की निगरानी की जाएगी तथा एनआरएलएम/एसआरएलएम को निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।
एनआरएलएम आरबीआई, नाबार्ड, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि प्रमुख आजीविका क्षेत्रों के निर्माण के लिए सार्वजनिक-सार्वजनिक, सार्वजनिक-निजी और सार्वजनिक-निजी-सामुदायिक भागीदारी लाई जा सके।
- पंचायती राज संस्थाएं: एनआरएलएम यह सुनिश्चित करेगा कि पंचायतों और गरीबों की संस्थाओं के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी कार्य संबंध और परामर्श के लिए औपचारिक मंच इस प्रकार स्थापित किए जाएं कि पंचायती राज संस्थाएं एनआरएलएम की विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हों, लेकिन गरीबों की संस्थाओं की स्वायत्तता भी संरक्षित/संरक्षित रहे।